'उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019' में संशोधन के साथ उपभोक्ता न्यायालयों के आर्थिक संबंधी क्षेत्राधिकार को संशोधित किया गया है। फलस्वरूप लगभग सभी चिकित्सा मामले जिला आयोगों के पास होंगे।
इसके अलावा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा ई-फिलिंग और सुनवाई की ओर एक बदलाव के साथ डॉ. सुनील खत्री एंड असोसिएट्स के लिए दिल्ली से स्वयम ही अपने अखिल भारतीय मुवक्किल की मदद करना संभव होगा ।
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बी.पी. सिंह
बी पी सिंह एक वकील हैं, जिन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय, दिल्ली उच्च न्यायालय और न्यायाधिकरणों और मध्यस्थता में लगभग 37 वर्षों का अभ्यास करने का अनुभव है। उन्होंने अप्रैल 1982 में एक वकील के रूप में दिल्ली बार काउंसिल में दाखिला लिया।
श्री सिंह ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय में अभ्यास शुरू किया और उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता श्री बी दत्ता के साथ बार काउंसिल ऑफ इंडिया ट्रस्ट द्वारा फेलोशिप-कम-प्लेसमेंट योजना के तहत रखा गया।
श्री बी दत्ता दिल्ली बार काउंसिल के तत्कालीन अध्यक्ष थे और बाद में भारत सरकार के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल भी रहे हैं।
श्री सिंह वर्ष 1986 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आयोजित की जा रही परीक्षा में अव्वल रहने के बाद सर्वोच्च न्यायालय में एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड बने। अनुभव की लंबी अवधि के दौरान नागरिक और आपराधिक मामलों की विविधता जिसमे, सेवा, किराया, विशिष्ट राहत, चेक बाउंस जैसे विभिन्न मामले शामिल है ।
नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड, गैमन इंडिया और अन्य निजी कंपनियों की ओर से मध्यस्थता का अनुभव हैं। मध्यस्थता की कार्यवाही 600 करोड़ रुपये तक के मूल्यों की रही है, जिसमें दावे और मुकाबिल दावे शामिल हैं।
बैचलर ऑफ़ लॉ | जबलपुर विश्वविद्यालय, भारत
मास्टर ऑफ आर्ट्स – इतिहास | कानपुर विश्वविद्यालय, भारत
विज्ञान स्नातक | इलाहाबाद विश्वविद्यालय, भारत
पेशेवर संबंध - दिल्ली बार काउंसिल