'उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019' में संशोधन के साथ उपभोक्ता न्यायालयों के आर्थिक संबंधी क्षेत्राधिकार को संशोधित किया गया है। फलस्वरूप लगभग सभी चिकित्सा मामले जिला आयोगों के पास होंगे।
इसके अलावा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा ई-फिलिंग और सुनवाई की ओर एक बदलाव के साथ डॉ. सुनील खत्री एंड असोसिएट्स के लिए दिल्ली से स्वयम ही अपने अखिल भारतीय मुवक्किल की मदद करना संभव होगा ।
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डॉक्टर सुनील खत्री
डॉक्टर सुनील खत्री कानूनी फर्म डॉक्टर सुनील खत्री एंड एसोसिएट्स के संस्थापक प्रबंध पार्टनर हैं। उन्हें चिकित्सा और कानून के क्षेत्र में लगभग 40 वर्षों का अनुभव है। वह सशस्त्र सेना चिकित्सा महाविद्यालय, पूना विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं, जहां से उन्होंने MBBS और सामान्य शल्य चिकित्सा में MS की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से LLB की डिग्री प्राप्त की।
डॉक्टर खत्री एक देखभालकर्ता रहे हैं, उन्होंने लाभ और गैर-लाभकारी क्षेत्र में दिल्ली के बहुत बड़े सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में नेतृत्व की भूमिका निभाई है। उन्होंने दिल्ली में बड़े अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों का निर्माण किया हैं। गुणवत्ता और प्रक्रिया में सुधार के विशेषज्ञ के रूप में डॉक्टर खत्री ने अमेरिका में अस्पतालों को अनुकूलित किया है।
डॉ खत्री दिल्ली मेडिकल काउंसिल के पूर्व सचिव थे और उन्होंने कई नीतिगत पहलों का नेतृत्व किया है, जिसमें ‘दिल्ली मॉडल ऑफ़ रेगुलेशन’ भी शामिल है, जिसे दिल्ली सरकार,पुलिस विभाग तथा कानून के न्यायालयों ने खूब सराहा था। इस मॉडल को बाद में देश भर में स्वीकार कर लिया गया। फिर बाद में चिकित्सा नियामक प्राधिकरणों के अंतर्राष्ट्रीय संघ की प्रबंधन समिति डलास, यूएसए के सदस्य के रूप में चुने गए।
वर्तमान में, चिकित्सा और कानून में अपने व्यापक अनुभव के साथ, डॉक्टर सुनील खत्री भारत के सर्वोच्च न्यायालय के आधार पर, और चिकित्सा लापरवाही तथा चिकित्सा कानूनी मामलों के क्षेत्र में विशेषज्ञता वाले वकील का अभ्यास कर रहे हैं। डॉक्टर खत्री बार काउंसिल ऑफ इंडिया में नामांकित हैं और सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के सदस्य हैं।